यदि आप कर्मचारी है और पेंशन प्राप्त करना चाहते हैं रिटायरमेंट के बाद तो आपके लिए एम्पलाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशंस (EPFO)की ओर से हायर पेंशन स्कीम आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है सरकार ने संसद में इस बारे में आवेदनों पर रिपोर्ट पेश की है और हो सकता है कि आने वाले समय में इस बारे में भी महत्वपूर्ण निर्णय आ सकता है लेकिन मिल रही जानकारी के मुताबिक 15 लाख में से 11 लाख आवेदन खारिज कर दिए गए हैं चलिए आपको बताते हैं विस्तार से जानकारी
EPFO के इतने आवेदन हुए खारिज
जो जानकारी निकलकर सामने आई है उनमें बताया गया है कि केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने बताया है कि ईपीएफओ को 15.24 लाख से ज्यादा आवेदन मिले हैं उनमें से कई आवेदन खारिज कर दिए गए हैं और उन्होंने बताया है कि करीब 98.5% एप्लीकेशन फॉर्म हो चुके हैं लेकिन उनमें से 11 लाख से ज्यादा फॉर्म रिजेक्ट यानी की खारिज कर दिया गया है खारिज जिनके भी आवेदन हुए हैं उनको काफी बड़ा झटका लगा है।
दूसरी बार मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने अब तक यह तय नहीं किया है कि ज्यादा फॉर्म रिजेक्ट क्यों हुई है और उनके कारण भी नहीं बताया गया है हालांकि बाकी कब निपटाए जाएंगे उसके बारे में भी सबसे बड़ा सवाल है ईपीएफओ के मुताबिक सबसे ज्यादा फोन चेन्नई और पांडिचेरी से खारिज हुई है जहां पर 63000 से भी अधिक एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में बड़ा फैसला
दूसरी बार 4 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया था जिन में कहा गया था कि 1 सितंबर 2014 से लेकर ऐप में शामिल थे और उनके बाद भी नौकरी कर रहे हैं और रिटायरमेंट हुए हैं वहां असली सैलरी के आधार पर हायर पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं लेकिन अब जो निर्णय सामने आया है उसके मुताबिक सभी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है हो सकता है कि जिनके एप्लीकेशन खारिज हुए हैं उनको ईपीएफओ के लाभ नहीं मिल सकता है ऐसे भी जानकारी मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से सामने आई है।
EPFO की आवेदन प्रक्रिया के महत्वपूर्ण तिथि
इपीएफ पुणे 26 फरवरी 2023 से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सभी कर्मचारी और पेंशनर्स हायर पेंशन के लिए आवेदन कर सकते थे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली डेटलाइन 3 मई थी बाद में इसे बड़ा कर 26 जून 2023 कर दिया गया था अब यह जो फैसला है वह कर्मचारियों के हित में है या नहीं यह कहना अभी मुश्किल है लेकिन आने वाले समय में इस बार में बड़ा फैसला निर्णय और आ सकता है संसद में इस बारे में चर्चा भी हो सकती है।